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विधानसभा चुनाव 2022: धौलाना विधानसभा का सियासी हाल II BJP के वोटर्स सपा के साथ लेकिन BJP बेहाल

2021-03-12 12 Dailymotion

गाजियाबाद की धौलाना विधानसभा का सियासी हाल <br />सपा फिर से वापसी करने के लिए दिख रही है तैयार <br />धौलाना में साइकिल की रफ्तार पकड़ने के पूरे संकेत <br />बीजेपी भी जीत के लिए लगा रही है पूरा जोर <br />2017 में जीतने वाली बीएसपी की हालत अब दिख रही पतली <br /><br />गाजियाबाद जिले की धौलाना विधानसभा सीट पर यूपी के MLC चुनावों के बाद से ही सियसी घमासान का माहौल देखने को मिल रहा है और इस घमासान में 2017 में हारने वाली सपा मजबूती हासिल करती दिख रही है…ऐसे में पहले जानते हैं कि यहां का इतिहास क्या कहता है साथ ही जानेंगे कि कौन से कारण हैं जो सपा के लिए फायदे का संकेत दे रहे हैं…<br /><br />धौलाना विधानसभा पर अब तक मात्र 2 बार चुनाव हुए हैं <br />धौलाना विधानसभा में मतदाताओं की संख्या कुल 3,79,412 है <br />पहली बार 2012 में यहां विधानसभा का चुनाव हुआ <br />पहले विधानसभा चुनाव में सपा के धर्मेंश सिंह तोमर ने जीत दर्ज की <br />बीएसपी दूसरे नंबर पर और बीजेपी चौथे नंबर पर रही <br />2017 विधानसभा चुनाव में सपा की गुटबाजी सपा की हार का कारण बनी <br />मुख्य मुकाबला बीजेपी और बीएसपी में देखने को मिला <br />2017 में बीएसपी के असलम चौधरी ने बीजेपी को हराया <br />सपा 2017 में तीसरे नंबर पर धौलाना में सिमट गई थी <br /><br />2012 में जीतने वाली सपा को भले ही 2017 में हार का सामना करना पड़ा हो लेकिन अब सपा की साइकिल धौलाना में रफ्तार पकड़ने के लिए तैयार है क्योंकि आवाम के मन में अब सपा के लिए बेहद हमदर्दी है…ऐसे में आइए जानते हैं कि सपा की मजबूती का आधार क्या है…<br />धौलाना में 2017 में जीतने वाली बीएसपी अब कमजोर है <br />बीएसपी का वोटबैंक भी अब सपा के खाते में दिख रहा है <br />क्योंकि बीएसपी ने अपने विधायक असलम चौधरी को निलंबित कर दिया है <br />असलम चौधरी के खिलाफ कार्रवाई MLC चुनाव के वक्त हुई थी <br />मौजूदा वक्त में अब मुख्य जंग में सपा और बीजेपी दिख रहे हैं <br />ऐसे में अगले चुनाव में बीजेपी Vs सपा मुकाबला होने वाला है <br />सपा के साथ मुस्लिम वोटर्स तो हैं ही साथ अब किसान भी साथ दिख रहे हैं <br />कृषि आंदोलन का असर बीजेपी के लिए परेशानी बनता दिख रहा है <br /><br />धौलाना में कृषि कानूनों के बाद सियासी समीकरण सपा की तरफ दिख रहे हैं और बीएसपी की अपने ही विधायक पर कार्रवाई से वो कमजोर हुई है…हालांकि समीकरण सपा के पक्ष में हैं जरूर लेकिन सपा को इन समीकरणों को ताकत में बदलने के लिए जी जान से मेहनत करनी होगी…क्योंकि पार्टी के पक्ष में आवाम तो दिख रही है लेकिन लीडरशिप में अब भी पुराने हालात बने हुए हैं….ब्यूरो रिपोर्ट

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