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सपा, कांग्रेस और बीएसपी को खत्म करने के लिए मुख्तार अंसारी को मोहरा बना रही बीजेपी

2021-04-11 1 Dailymotion

मुख्तार अंसारी को मोहरे के तौर पर किया जा रहा इस्तेमाल <br />एक तीर से तीन निशाने लगा रहे हैं सीएम योगी आदित्यनाथ <br />सपा, कांग्रेस और बीएसपी सबको एक कतार में किया खड़ा<br />योगी आदित्यनाथ की चाल का असली सच करता है हैरान <br />मुख्तार के सहारे सत्ता का रास्ता आसान करने की है प्लानिंग <br />आज हम आपको बताएंगे योगी के ‘मुख्तार मोहरे’ का पूरा सच <br /><br /><br />उत्तर प्रदेश की सियासत में जोर आजमाइश के साथ मोहरों को फिट करने का सिलसिला जोरों पर हैं…सत्ताधारी पार्टी हो या विपक्ष हर दल खुद के लिए सियासी राहें आसान करने के लिए एक दूसरे के खिलाफ सियासी मोहरे तलाश कर रहा है ताकि सामने वाले को वो पटखनी दे सके और अपना रास्ता आसान कर सके…मामले में सपा जितनी सक्रिय हैं उससे कहीं ज्यादा सत्ताधारी पार्टी सक्रिय हैं और सत्ताधारी पार्टी के हाथ एक ऐसा मोहरा लगा है जिसके इस्तेमाल से योगी आदित्यनाथ सपा, बीएसपी और कांग्रेस को पटखनी देने का प्लान बना रही हैं…उत्तर प्रदेश में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले पंचायत चुनाव की बिसात बिछ चुकी है और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी पूरी ताकत से चुनाव लड़ने वाली है, कोई शक शुबहे वाली बात नहीं है…जहां तक यूपी में पंचायत चुनाव की बिसात की बात है तो मुख्तार अंसारी नाम का ऐसा मोहरा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथ लगा है जो पूरे विपक्ष को एक ही निशाने में टारगेट कर सकता है …चाहे वो अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी हो, मायावती की बहुजन समाज पार्टी हो या फिर प्रियंका गांधी की कांग्रेस हों…आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्या है तो मुख्तार अंसारी को सजा दिलवाना बीजेपी का मकसद कम है बल्कि मुख्तार अंसारी के सहारे अपने सियासी हित साधना बीजेपी का सबसे बड़ा मिशन हैं…योगी आदित्यनाथ के लिए सभी राजनीतिक विरोधियों को एक साथ टारगेट करना इसलिए भी आसान होने वाला है क्योंकि मुख्तार अंसारी राजनीति और अपराध के खतरनाक गठजोड़ का ऑल इन वन पैकेज है…और अंसारी के मामले को लेकर विपक्ष का शांत रवैया इसका सबसे बड़ा उदाहरण है…बीजेपी के मुख्तार अंसारी मोहरे के इस्तेमाल की शुरुआत बीएसपी से करते हैं और बताने की कोशिश करते हैं कि कैसे बीजेपी बीएसपी को मुख्तार अंसारी के सहारे मौन होने पर मजबूर कर रही हैं….बीएसपी के बाद कांग्रेस और सपा की स्थितियों की भी चर्चा करेंगे… मुख्तार अंसारी को लेकर मायावती की तो बोलती ही बंद है…बात बात पर यूपी की बीजेपी सरकार के पक्ष में कांग्रेस पर बरसती रहने वाली मायावती मुख्तार अंसारी के मामले में खामोशी अख्तियार कर चुकी हैं …बोलें भी तो क्या बोलें, मऊ विधानसभा क्षेत्र से मुख्तार अंसारी विधायक तो बीएसपी के ही हैं…मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी भी बीएसपी के ही सांसद हैं…ऐसे में मायावती की सियासी धार बीजेपी मुख्तार नाम के वार से कम करने पर तुली है और अंदर ही अंदर छटपटा रहीं मायावती को समझ नहीं आ रहा कि वो कैसे इस मामले में सत्ताधारी पार्टी को घेरे…वहीं बात करें समाजवादी पार्टी की तो समाजवादी पार्टी नेतृत्व को घेरने के लिए यूपी पुलिस में डीएसपी रहे शैलेंद्र सिंह तो बीजेपी को मिल ही गये हैं, चुनावों में मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव को बीजेपी नेता मुख्तार अंसारी का नाम ले लेकर आसानी से कठघरे में खड़ा कर सकेंगे…चुनावों में शैलेंद्र सिंह बीजेपी के मंच से मुख्तार को बचाने के लिए अपनी प्रताड़ना के जो किस्से सुना रहे हैं वो आगे भी यूं ही सुनाएंगे और बीजेपी इस प्रताड़ना के सहारे आवाम को अपने पक्ष में करने का काम करेगी और खुद को एक मसीहा के तौर पर पेश करेगी…बीजेपी क

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