श्री सतगुरु देवाए नमः<br />बोलो जयकारा बोल मेरे श्री गुरु महाराज की जय<br />बोल सांचे दरबार की जय<br /><br />आओ सतगुरु मन मंदिर में <br />अपना अनुपम प्यार लिए <br />खड़े है सेवक दर पर तुम्हारे <br />ह्रदय पे उपहार लिए <br /><br />जनम जनम के मीत हमारे <br />दिन बंधू सुख राशि <br />तीनो ताप मिटा दो सतगुरु <br />काटो यम की फांसी <br />माया भटकाती मन मेरा <br />भोगो का संसार लिए <br />आओ सतगुरु मन मंदिर में <br /><br />जैसे जल बिन मीन आत्मा <br />प्रभु दर्शन की प्यासी <br />जनम जनम की प्यास भुजा दो <br />इष्ट देव अविनाशी <br />भंवर में नैया नित उत डोले <br />आ जाओ पतवार लिए <br />आओ सतगुरु मन मंदिर में <br /><br />परमार्थ के कारण प्रभु तुम <br />संत रूप धर आते <br />सत वस्तु का ज्ञान करा कर <br />अंतर ज्योति जगाते <br />बरसो बन कर मेघ ह्रदय पर <br />भक्ति का भंडार लिए <br />आओ सतगुरु मन मंदिर में <br /><br />तुमसे ये मन हंस बना है <br />चुग चुग मोती खाता <br />तुमसे जीवन शांत हुआ है <br />मेरे भाग विधाता <br />शीश जुका कर दास निहारे <br />नैना अश्रु धार लिए <br />आओ सतगुरु मन मंदिर में <br /><br /><br /> जय सच्चिदानन्द जी <br /> नाम जपिये