| GarhKundar | गढ़कुंडार के इसी तहखाने में किया गया था खंगार वंश का कत्लेआम,भूलभुलैया में उलझाता किला!!<br /><br />#gadhkundar #Tikamgarh #Gyanvikvlogs #Garhkundar #किला_गढ़कुंडार <br />#गढ़कुंडार_मध्यप्रदेश #MysteryofGarhkundar #गढ़कुंडार_किले_के_तहखाने #गढ़कुंडार_के_तहखानो_में_छुपा_खजाना #forts #historicalplaces #HeritageofMP #MysteriousTunnelinGarhkundar<br /><br />You can join us other social media <br /><br />INSTAGRAMhttps://www.instagram.com/gyanvikvlogs/<br /><br />FB Page Link https://www.facebook.com/Gyanvikvlogs/<br /><br />देखा जाए तो प्राचीन किले हमेशा ही रहस्य और जिज्ञासा का विषय रहे हैं। जो बेहद रहस्यमयी है। यह एक तिलिस्मी किला है इस किले में दो फ्लोर का बेसमेंट है। बताते हैं कि इसमें इतना खजाना है कि भारत अमीर हो जाए। एक बार यहां घूमने आई एक पूरी की पूरी बरात गायब हो गई थी। गायब हुए लोगों का आज तक पता नहीं चल सका। इसके बाद नीचे जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया गया।<br /><br />ये किला 5 मंजिल का है। 3 मंजिल तो ऊपर हैं, जबकि 2 मंजिल जमीन के नीचे है।ये कब बनाया गया, किसने बनवाया इसकी जानकारी उपलब्ध ही नहीं है। बताते हैं कि ये किला 1500 से 2000 साल पुराना है। यहां चंदेलों, बुंदेलों, खंगार कई शासकों का शासन रहा।गढ़कुंडार को लेकर लेखक वृंदावनलाल वर्मा ने किताब भी लिखी है। इसमें किताब में भी गढ़कुंडार के कई रहस्य दर्ज किए हैं।<br /><br />घूमने आई बरात हो गई थी गायब........<br /><br />आसपास के लोग बताते हैं कि काफी समय पहले यहां पास के ही गांव में एक बरात आई थी। बरात यहां किले में घूमने आई। घूमते-घूमते वे लोग बेसमेंट में चले गए।नीचे जाने पर बरात गायब हो गई। उन 50-60 लोगों का आज तक पता नहीं चल सका। इसके बाद भी कुछ इस तरह की घटनाएं हुईं। इन घटनाओं के बाद किले के नीचे जाने वाले सभी दरवाजों को बंद कर दिया गया।ये किला भूल-भुलैय्या की तरह है। अगर जानकारी न हो तो इसमें अधिक अंदर जाने पर कोई भी दिशा भूल हो सकता है। दिन में भी अंधेरा रहने के कारण दिन में भी ये किला डरावना लगता है।<br /><br />किले में है खजाने का रहस्य..........<br /><br />खजाने को तलाशने के चक्कर में कईयों की जानें भी गई हैं। गढ़कुंडार का किला बेहद रहस्मयी है। कहा जाता है कि इसके बेसमेंट में कई रहस्य अभी भी मौजूद हैं। दो फ्लोर बेसमेंट को बंद कर दिया गया है। खजाने का रहस्य इसी में छिपा हुआ है।इतिहासकार हरिगोविंद सिंह कुशवाहा बताते हैं कि गढ़कुंडार बेहद संपन्न और पुरानी रियासत रही है। यहां के राजाओं के पास कभी भी सोना, हीरे, जवाहरात की कमी नहीं रही। कई विदेशी ताकतों ने खजाने को लूटा। स्थानीय चोर उचक्कों ने भी खजाने को तलाशने के की कोशिश की।वो कहते हैं कि इस किले में इतना सोना चांदी है कि भारत जैसा देश भी अमीर हो जाए। यहां चंदेलों, बुंदेलों, खंगारों का कब्जा रहा। किले के नीचे दो मंजिला भवन है। इसी में खजाने का रहस्य है।