पौराणिक काल से ही होती थी प्लास्टिक सर्जरी<br />#plasticsurgery #voiceofbharat #ancienthistory <br />इसकी शुरुआत करीब 2500 साल पहले भारत में हो चुकी थी. प्राचीन भारतीय चिकित्सक सुश्रुत, जिन्हें सर्जरी का जनक माना जाता है. उन्होंने सुश्रुत संहिता में इसका जिक्र किया है. सुश्रुत ने लिखा है कि तब नाक की सर्जरी कैसे की जाती थी, किस तरह से स्किन ग्राफ्टिंग होती थी. प्राचीन भारत में क्यों नाक की प्लास्टिक सर्जरी की जरूरत पड़ती थी. इसकी कहानी भी कम रोचक नहीं है. उन्होंने बताया था कि , प्राचीन भारत में आमतौर पर गंभीर अपराधों में सजा के तौर पर नाक और कान काट दिए जाते थे. इसके बाद सजायाफ्ता अपराधी चिकित्सा विज्ञान की मदद से नाक वापस पाने की कोशिश करता था.माना जाता है कि सर्जरी के जनक माने जाने वाले सुश्रुत नाक वापस जोड़ने की सर्जरी सफलतापूर्वक करते थे.