केदार ज्योतिर्लिंग का प्राकट्य पांडवों की वजह से ही हुआ था। वो पांचों लोग गजब के डेडिकेटेड थे। युद्ध जीता था, पर पश्चाताप था सो शिव को देखने चल पड़े। पर शिव तो शिव थे। यही सब बताऊंगा। आज का कहानी को मैंने नाम दिया है- पांडवों से खुश हुए शिव और बन गए केदार....