पात्रा चॉल मामले में राजनीति और सरकारी फाइलों के बीच उन लोगों की कौन सुनेगा जिन्होंने बिल्डरों के नाम पर अपने खुद के घर की चाहत में अपना सर्वस्व दांव पर लगा दिया. उन लोगों का दुख पिछले 12 साल से उनकी आंखों में देखा जा सकता है जो आज भी आस लगाए बैठे हैं कि उनका आशियाना उन्हें मिल जाएगा