धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, चंद्रग्रहण जल व समुद्र पर असर डालता है. आने वाली प्राकृतिक आपदाओं को लेकर ग्रहण पहले ही इशारा दे देते हैं. हालांकि कई लोग इस पर विश्वास करते हैं कुछ नहीं. आमतौर पर भूकंप दिन के 12 बजे से सूरज छिपने तक और आधी रात से सू्र्य उदय होने के बीच ही आते हैं. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, भूकंप के उस क्षेत्र में आने की संभावना ज्यादा होती है, जहां ग्रहण का साफ प्रभाव देखने को मिलता है और जहां परिस्थितियां धरती के नीचे विपरीत हों. धरती की खास प्लेटों के पास ही भूकंप आता है. ग्रहण में ग्रह एक दूसरे पर अपनी छाया डालते हैं. यह छाया चाहे चंद्रमा पर पड़े या फिर पृथ्वी पर, दोनों पर इसका असर होता है. इसके अलावा जब किसी खास वजह से सूर्य की किरणें धरती पर नहीं पड़तीं तब चंद्रमा और पृथ्वी दोनों पर असर पड़ता है. #ChandraGrahanBhukampConnection<br /><br />
