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दिनभर में तीन बार बदलती है प्रभु के चेहरे की भाव भंगिमा,जानिए देश के प्राचीतम विष्णु मंदिर की विशेषताएं

2022-11-16 11 Dailymotion

गोरखपुर जिले के असुरन से मेडिकल कॉलेज रोड पर स्थित विष्णु मंदिर की कई महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं। काले पत्थर से निर्मित चार भुजाओं वाली भगवान विष्णु की मूर्ति देश में दो ही है। एक तिरुपति बाला जी मंदिर और दूसरा गोरखपुर का विष्णु मंदिर। यह प्रतिमा 12 वीं शताब्दी की मानी जाती है। गोरखपुर के असुरन पोखरे में एक व्यक्ति ने इस पत्थर को देखा था। यह मूर्ति 18 जुलाई,1914 को मिली। तत्कालीन कलेक्टर को जब इसकी जानकारी हुई तो उसने मूर्ति को मालखाने में जमा करा दिया। फिर इसे लखनऊ म्यूजियम में भेज दिया। वहां से लखनऊ अजायबघर में स्थानांतरित कर दिया गया। यहां से इसे लंदन भेजने की तैयारी थी। जब इसकी जानकारी मझौली की रानी श्याम कुअरी को हुई तो उन्होंने प्रयास कर इसे गोरखपुर लाया और 8 मई,1922 को इसकी स्थापना की। उन्होंने इसे स्थान को भव्य मंदिर का रुप दिया और तभी से यहां भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी। यह प्रतिमा दिनभर में तीन बार चेहरे का भाव बदलती है।

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