अपने दैनिक व्यस्त जीवन में शायद ही हम दूसरों के बारे में सोचते हैं। दूसरे शब्दों में "कौन परवाह करता है"। कोई कुत्तों की देखभाल करता है, कोई पक्षियों की, आदि। लेकिन फिर भी, मनुष्य के रूप में, हम अन्य मनुष्यों को भूख, बेरोजगारी, अशिक्षा और आदि से मरते हुए देखने और उनकी मदद करने में विफल रहे हैं। एक तरफ़ा रास्ता। और हर कार्य के पीछे हमारी मंशा यही है, और यह केवल प्रभु के भय से ही आएगी । पाप करना बंद करो और पश्चाताप करो क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट है। भगवान हिसाब लेंगे, सावधान रहें।<br /><br />किसान <br />किसी का जश्न किसी के लिए बना शोर है<br />अपनी मस्ती में चूर लापरवाही की दौड़ है<br />हर किसी का अपना अनोखा फ़साना है<br />मर के सभी को एक जगह नहीं जाना है<br />मानो या नहीं पर लेखा तो लिखा जाता है<br />जैसे बीज वैसे ही फल फसलों में आता है
