हरियाली तीज की शुभकामनाएँ <br /><br />आज हरियाली तीज गोविन्द राधे।<br />तन मन धन तीनों हरि पै लुटा दे॥<br /><br />हरियाली तीज पर हे गोविन्द राधे।<br />जित देखूँ हरी हरि ही दिखा दे॥<br /><br />हरियाली तीज पर हे गोविन्द राधे।<br />हरि बोलूँ, हरि देखूँ, हरि ही सुना दे॥<br /><br />हरियाली तीज पर हे गोविन्द राधे।<br />हरि मिलन की कामना उर में बढ़ा दे॥<br /><br />हरियाली तीज पर हे गोविन्द राधे।<br />उर बिच झूला डार झूला झुला दे॥<br /><br />हरि देखूँ हरि सुनूँ गोविन्द राधे।<br />हरि गाऊँ हरि पाऊँ हरि ही सुँघा दे॥<br /><br />हरिहूँ की हरितायी गोविन्द राधे।<br />हिय हर्षित करि हरिहूँ बना दे॥<br /><br />आली हरियाली तीज गोविंद राधे।<br />चलो लाली-लाल को झूला झूला दें॥<br /><br />आली हरियाली तीज गोविंद राधे।<br />चलो लाली-लाल हाथ मेहँदी रचा दें॥<br /><br />आली हरियाली तीज गोविंद राधे।<br />चलो लाली-लाल को मल्हार सुना दें॥<br /><br />सर्व पर्व लक्ष्य एक गोविन्द राधे।<br />जग से हटा के मन हरि में लगा दे॥<br /><br />—जगद्गुरूत्तम श्री कृपालु जी महाराज<br /><br /><br /><br />हरियाली तीज सन्देश <br /><br />आज हरियाली तीज गोविंद राधे।<br />तन मन धन तीनों दान करा दे॥<br /><br />बाँके बिहारी जी का प्रमुख पर्व है आज।<br />कुछ लोगों ने पूछा है, इस पर्व पर क्या करना चाहिये?<br />तो प्रत्येक पर्व पर एक ही काम करना है, संसार से मन हटाकर भगवान् में लगाना।<br />भगवान् में मन लगाने का तीन साधन है तन, मन, धन।<br />तीन से हरि गुरु की सेवा यही उपासना है, साधना है, भजन है।<br />इसी के द्वारा अंतःकरण शुद्ध होगा।<br />शरीर से सेवा जितनी मिल सके।<br />धन से सेवा जितना कर सके।<br />और मन से सेवा तो पूरा पूरा करना है।<br />वहाँ कोई बहाना नहीं चलेगा कि हमारे पास तो मन नहीं है।<br />मन तो सबके पास है, उस मन से सेवा करना माने चिन्तन करना, ध्यान करना,<br />निरन्तर हरि गुरु को अपने साथ मानना।