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गाइये गणपति जगवंदन । सिद्धि सदन शिवशंकर नंदन। भक्त जनन के विघ्न विनाशन । भक्ति भाव ते करु नित अर्चन। मन ते करु नित गणपति चिंतन। रसना ते गाइय उन गुनगन । जय हो जय हो गणपति त्रिभुवन वंदन । तुम्हरो कोटि कोटि अभिनंदन । कोउ भल गन भी ले, जग भू रज कन । प

2023-09-19 2 Dailymotion

गाइये गणपति जगवंदन ।<br />सिद्धि सदन शिवशंकर नंदन।<br />भक्त जनन के विघ्न विनाशन ।<br />भक्ति भाव ते करु नित अर्चन।<br />मन ते करु नित गणपति चिंतन।<br />रसना ते गाइय उन गुनगन ।<br />जय हो जय हो गणपति त्रिभुवन वंदन ।<br />तुम्हरो कोटि कोटि अभिनंदन ।<br />कोउ भल गन भी ले, जग भू रज कन ।<br />पै गणपति तव गुन नहि सक गन।<br />हे गणेश गजपति लंबोदर ।<br />कृष्ण प्रेम पाऊं यह दो वर।<br />अति *'कृपालु'* तुम गौरी नंदन ।<br />अस वर दो दे राधा दरसन ।<br /><br />ब्रज रस माधुरी -१<br /><br /> जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज

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