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आओ फिर से दिया जलाएँ कविता - अटल बिहारी वाजपेयी की प्रसिद्ध कविता Atal Bihari Vajpayee Poem

2023-11-15 6 Dailymotion

आओ फिर से दिया जलाएँ<br />आओ फिर से दिया जलाएँ<br />भरी दुपहरी में अंधियारा<br />सूरज परछाई से हारा<br />अंतरतम का नेह निचोड़ें-<br />बुझी हुई बाती सुलगाएँ।<br />आओ फिर से दिया जलाएँ<br /><br />हम पड़ाव को समझे मंज़िल<br />लक्ष्य हुआ आंखों से ओझल<br />वतर्मान के मोहजाल में-<br />आने वाला कल न भुलाएँ।<br />आओ फिर से दिया जलाएँ।<br /><br />आहुति बाकी यज्ञ अधूरा<br />अपनों के विघ्नों ने घेरा<br />अंतिम जय का वज़्र बनाने-<br />नव दधीचि हड्डियां गलाएँ।<br />आओ फिर से दिया जलाएँ

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