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निराकार साधना या साकार साधना - क्या श्रेष्ठ है? || आचार्य प्रशांत, भक्तियोग पर (2017)

2024-01-02 5 Dailymotion

प्रसंग:<br /><br />~ अर्जुन उवाच<br />एवं सततयुक्ता ये भक्तास्त्वां पर्युपासते।<br />ये चाप्यक्षरमव्यक्तं तेषां के योगवित्तमाः॥ (१)<br /><br />~ श्रीभगवानुवाच<br />मय्यावेश्य मनो ये मां नित्ययुक्ता उपासते।<br />श्रद्धया परयोपेतास्ते मे युक्ततमा मताः॥ (२)<br /><br />ये त्वक्षरमनिर्देश्यमव्यक्तं पर्युपासते।<br />सर्वत्रगमचिन्त्यं च कूटस्थमचलं ध्रुवम्‌॥ (३)<br /><br />सन्नियम्येन्द्रियग्रामं सर्वत्र समबुद्धयः।<br />ते प्राप्नुवन्ति मामेव सर्वभूतहिते रताः॥ (४)<br /><br />क्लेशोऽधिकतरस्तेषामव्यक्तासक्तचेतसाम्‌।<br />अव्यक्ता हि गतिर्दुःखं देहवद्भिरवाप्यते॥ (५)<br /><br />ये तु सर्वाणि कर्माणि मयि सन्नयस्य मत्पराः।<br />अनन्येनैव योगेन मां ध्यायन्त उपासते॥ (६)<br /><br />तेषामहं समुद्धर्ता मृत्युसंसारसागरात्‌।<br />भवामि नचिरात्पार्थ मय्यावेशितचेतसाम्‌॥ (७)<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते<br />~~~~~

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