Surprise Me!

ये सब जो ज़िंदगी में भरा हुआ है, ज़रूरी है क्या? (व्यर्थ को पहचानें और हटाएँ) ||आचार्य प्रशांत(2023)

2024-01-24 9 Dailymotion

<br />वीडियो जानकारी: <br /><br />प्रसंग: <br />आचार्य जी नीचे दिया भजन समझा रहे है। <br /><br />रैन दिवस पिय संग रहत हैं <br />रैन दिवस पिय संग रहत हैं, <br />मैं पापिन नहिं जाना ॥ <br /><br />मात पिता घर जन्म बीतिया, <br />आया गवन नगिचाना। <br />आजै मिलो पिया अपने से, <br />करिहो कौन बहाना ॥ १ ॥ <br /><br />मानुष जनम तो बिरथा खोये, <br />राम नाम नहिं जाना। <br />हे सखि मेरो तन मन काँपै, <br />सोई शब्द सुनि काना ॥ २ ॥ <br /><br />रोम-रोम जाके परकाशा, <br />कहैं कबीर सुनो भाई साधो, <br />करो स्थिर मन ध्याना ॥ ३ ॥ <br /><br />~ कबीर साहब <br /><br />शब्दार्थ: रैन दिवस- रात दिन; गवन- संसार से जाने की दशा; नगिचाना: निकट आना; विरथा- व्यर्थ<br /><br /><br />संगीत: मिलिंद दाते<br />~~~~~

Buy Now on CodeCanyon