वीडियो जानकारी: 26.10.2019, अद्वैत बोध शिविर, अद्वैत बोध स्थल, ग्रेटर नॉएडा<br /><br />प्रसंग:<br /><br />असत्यमप्रतिष्ठं ते जगदाहुरनीश्वरम्। अपरस्परसम्भूतं किमन्यत्कामहैतुकम्।।<br />भावार्थ:<br />वे आसुरी प्रकृति वाले मनुष्य कहा करते हैं कि जगत् आश्रयरहित,<br />सर्वथा असत्य और बिना ईश्वर के, अपने-आप केवल स्त्री-पुरुष के संयोग से उत्पन्न है,<br />अतएव केवल काम ही इसका कारण है। इसके सिवा और क्या है?<br />~ श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय १६, श्लोक ८)<br /><br />~ क्या काम ही इस जगत का कारण है?<br />~ जगत का मूल आधार क्या है?<br />~ सृष्टि, स्थिति और विनाश क्या ये बुद्धि जनित कल्पना है?<br />~ वास्तविक सत्य क्या है?<br />~ जगत इतना प्रकट और दृश्यमान क्यों है?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते<br />~~~~~