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ज़िंदगी में मच्छर ही मारने हैं, तो टैंक का क्या करोगे? || आचार्य प्रशांत (2024)

2024-04-19 5 Dailymotion

➖➖➖➖➖➖<br /><br />#acharyaprashant<br /><br />वीडियो जानकारी: 10.04.24,बोध प्रत्यूषा, ग्रेटर नॉएडा<br /><br />प्रसंग: <br />~ प्रेम और इज़्ज़त बस किसके लिए ?<br />~ सिर्फ़ किसके आगे सर झुकना चाहिए ?<br />~ आत्मा के प्रति प्रेम है या नही कैसे समझ में आएगा ?<br />~ आध्यात्मिक आदमी के व्यवहार में क्या दिखाई देता है ?<br />~ किसी से प्रभावित क्यों नहीं होना है ?<br />~ अध्यात्म उनके लिए है जिन्हें छोटी जीत नहीं चाहिए।<br />~ गीता में मन नहीं लग रहा मतलब जीवन में चुनौती नहीं है।<br />~ अध्यात्म के लिए है जिन्हें बड़ी लड़ाई लड़नी है।<br />~ अध्यात्म महंगा नहीं होता हमारी ज़रूरतें बहुत छोटी होती हैं। <br />~ जो बड़े खिलाड़ी हैं उनको अपने ऊपर काम करने की ज़रूरत है।<br />~ गृहस्थ वह है जिसके जीवन में तुच्चई है।<br />~ छोटे आदमी और छोटी ज़िंदगी के लिए अध्यात्म नहीं है।<br />~ ऐसा प्रेम जो बंधनो के साथ किया जा सके वह बंधन ही है।<br />~ पंछी ज़िंदा तब है जब उड़ान ले।<br />~ क्या तुम्हारे प्रेम में कुछ ऐसा है जो तुम्हें तोड़े?<br />~ आदमी में दम कितना है यह देखना हो तो देखो कि वह सच कितना झेल पता है।<br />~ कुछ ऐसा करो जो बूते से बाहर का हो, देख लेना कृष्ण से प्रेम हो जाएगा। <br /><br />सूरा सोई सराहिये, लड़े मुक्ति के हेत।<br />पुर्ज़ा पुर्ज़ा कट पड़े, तो भी ना छाड़े खेत।।<br />~ संत कबीर<br /><br />सूरा के मैदान में, कायर का क्या काम।<br />सूरा से सूरा मिले, तब पूरा संग्राम।।<br />~ संत कबीर<br /><br />सूरा नाम रखाय के, अब क्यों डरना वीर।<br />अड़े रहना मैदान में, सम्मुख सहना तीर।।<br />~ संत कबीर<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते<br />~~~~~

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