Surprise Me!

मन के खेल कब रुकेंगे? || आचार्य प्रशांत, कठ उपनिषद् पर (2024)

2024-04-20 2 Dailymotion

‍♂️ आचार्य प्रशांत से मिलना चाहते हैं? <br />लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: https://acharyaprashant.org/hi/enquir... <br /><br /> आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं? <br />फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?... <br /><br />➖➖➖➖➖➖ <br /><br />वीडियो जानकारी: 10.02.24 , वेदांत संहिता , ग्रेटर नॉएडा <br /><br />प्रसंग: <br />~ क्या आध्यात्मिक व्यक्ति असामाजिक हो जाता है? <br />~ मन के खेल कब रुकेंगे? <br />~ आम आदमी अध्यात्म से इतना क्यों डरता है? <br />~ क्या मुक्तपुरुष सभी प्रकार के ऋणों से मुक्त होता है? <br />~ संसारी और ज्ञानी में क्या अंतर होता है? <br /><br />शान्तसंकल्पः सुमना यथा स्याद्वीतमन्युर्गौतमो माभि मृत्यो । <br />त्वत्प्रसृष्टं माभिवदेत्प्रतीत एतत्त्रयाणां प्रथमं वरं वृणे ॥ <br /><br />(नचिकेता ने कहा) हे यमराज! मेरे पिता गौतम पुत्र उद्दालक, मेरे प्रति शान्त संकल्प वाले, <br />प्रसन्न मन वाले तथा क्रोध रहित हो जाएँ। आपके द्वारा वापस घर भेजे जाने पर मुझे (मेरे पिता) <br />पहचानकर मेरे साथ पूर्ववत् प्रेमपूर्ण व्यवहार करें, (आपके द्वारा प्रदत्त) तीन वरदानों में से यह प्रथम वर माँगता हूँ। <br />~ कठोपनिषद - 1.1.10 <br /><br />संगीत: मिलिंद दाते <br />~~~~~~~~~~~

Buy Now on CodeCanyon