♂️ आचार्य प्रशांत से मिलना चाहते हैं?<br />लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: https://acharyaprashant.org/hi/enquir...<br /><br />⚡ आचार्य प्रशांत से जुड़ी नियमित जानकारी चाहते हैं?<br />व्हाट्सएप चैनल से जुड़े: https://whatsapp.com/channel/0029Va6Z...<br /><br /> आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?<br />फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?...<br /><br /> आचार्य प्रशांत के काम को गति देना चाहते हैं?<br />योगदान करें, कर्तव्य निभाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/contri...<br /><br /> आचार्य प्रशांत के साथ काम करना चाहते हैं?<br />संस्था में नियुक्ति के लिए आवेदन भेजें: https://acharyaprashant.org/hi/hiring...<br /><br />➖➖➖➖➖➖<br /><br />#acharyaprashant<br /><br />वीडियो जानकारी: शास्त्र कौमुदी लाइव, 17.05.2020, ग्रेटर नॉएडा, उत्तर प्रदेश, भारत<br /><br />प्रसंग:<br />ईक्षेत विभ्रममिदं मनसो विलासं दृष्टं विनष्टमतिलोलमलातचक्रम्।<br />विज्ञानमेकमुरुधेव विभाति माया स्वप्नस्त्रिधा गुणविसर्गकृतो विकल्प:॥<br />यह जगत् मन का विलास है, दीखने पर भी नष्टप्राय है, अलातचक्र (लुकारियों की बनेठी )-के समान अत्यन्त चंचल है और भ्रम मात्र है-- ऐसा समझे। ज्ञाता और ज्ञेय के भेद से रहित एक ज्ञानस्वरूप आत्मा ही अनेक-सा प्रतीत हो रहा है।<br />~हंस गीता (श्लोक-34)<br /><br />~ क्या संसार झूठ है?<br />~ संसार की नश्वरता को कैसे जाने?<br />~ क्या हम इस दुनिया में अकेले है? <br /><br />संगीत: मिलिंद दाते<br />~~~~~~~~~~~~~<br />