आत्मा शुद्ध होने पर भी इस संसार में संजोगो के आधार से फंस जाता है |आत्मज्ञान पाने पर वह अपनी गलत मान्यताओ से मुक्त हो कर और संजोगो का समभाव से निकल करके मुक्त हो जाता है |