♂️ आचार्य प्रशांत से मिलना चाहते हैं? <br />लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: https://acharyaprashant.org/hi/enquir... <br /><br /> आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं? <br />फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?... <br /><br />~~~~~~~~~~~~~ <br /><br />वीडियो जानकारी: 24.01.2020, अद्वैत बोध शिविर, ग्रेटर नॉएडा, उत्तर प्रदेश, भारत <br /><br />प्रसंग: <br /><br />यस्त्विन्द्रियाणि मनसा नियम्यारभतेऽर्जुन । <br />कर्मेन्द्रियैः कर्मयोगमसक्तः स विशिष्यते ॥3.7॥ <br /><br />भावार्थ : किन्तु हे अर्जुन! जो पुरुष मन से इन्द्रियों को वश में करके अनासक्त हुआ समस्त इन्द्रियों द्वारा कर्मयोग का आचरण करता है, वह विशिष्ठ है ॥7॥ <br /><br />~ श्रीमद् भगवद्गीता (अध्याय ३, श्लोक ७) <br /><br />~ निष्काम कर्म का वास्तविक मर्म क्या हैं? <br />~ निष्कामता से कर्म कैसे करें? <br />~ निष्काम कर्मयोग का सिद्धांत क्या हैं? <br />~ कौन सा मनुष्य अतिउत्तम है? <br />~ कर्म करते समय लाभ-हानि देखना सकामता है या नहीं? <br /><br />संगीत: मिलिंद दाते <br />~~~~~~~~~~~~~