♂️ आचार्य प्रशांत से मिलना चाहते हैं? <br />लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: https://acharyaprashant.org/hi/enquir... <br /><br /> आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं? <br />फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?... <br /><br />➖➖➖➖➖➖ <br /><br />वीडियो जानकारी: 29.03.24 , गीता समागम , ग्रेटर नॉएडा <br /><br />प्रसंग: <br />कर्मणो ह्यपि बोद्धव्यं बोद्धव्यं च विकर्मणः। <br />अकर्मणश्च बोद्धव्यं गहना कर्मणो गतिः ।। <br /><br />~ श्रीमद्भगवद्गीता, अध्याय 4, श्लोक 17 <br /><br />कुछ किया कुछ हो गया <br />मैं कौन हूं मैं करूं क्या <br />उत्तर ये कि बस जान लो <br />कर्ता कौन है कर्म है क्या! <br /><br />~ आचार्य प्रशांत द्वारा सरल काव्यात्मक अर्थ <br /><br />अर्थ: <br />कर्म जानने की बात है और विकर्म भी और अकर्म भी। इनको जानो। जानो और ध्यान से सुनना, कर्म के बारे में समझना आसान नहीं। <br /><br />~ मनुष्य अपने जीवन के मूलभूत प्रश्नों का उत्तर कहाँ खोजे? <br />~ सही कर्म का निर्धारण कैसे करें? <br />~ मनुष्य की मूल समस्या क्या है? <br />~ कामना और नरक में क्या संबंध है? <br />~ जीव का जगत से कैसा रिश्ता होना चाहिए? <br /><br />संगीत: मिलिंद दाते <br />~~~~~~~~~~~