♂️ आचार्य प्रशांत से मिलना चाहते हैं?<br />लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: https://acharyaprashant.org/hi/enquir...<br /><br /> आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?<br />फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?...<br /><br />~~~~~~~~<br /><br />वीडियो जानकारी: 30.03.24, संत सरिता, ग्रेटर नॉएडा <br /><br />प्रसंगः <br />~ अंजन को कैसे छोड़ा जाता है? <br />~ अगर जीवन से अंजन को हटाना है तो जियें कैसे? <br />~ प्रकृति का उपयोग कर के प्रकृति के पार कैसे जाएं?<br />~ जीवन के खेल में खिलाड़ी की तरह कैसे जियें?<br />~ श्रद्धा का वास्तविक अर्थ क्या है? <br /><br />राम निरंजन न्यारा रे, अंजन सकल पसारा रे! <br /><br />अंजन उतपति, ॐ कार, अंजन मांगे सब विस्तार, <br />अंजन ब्रह्मा, शंकर, इन्द्र, अंजन गोपी संगि गोविंद रे ॥1।। <br /><br />अंजन वाणी, अंजन वेद, अंजन किया नाना भेद, <br />अंजन विद्या, पाठ-पुराण, अंजन वो घट घटहिं ज्ञान रे ॥2॥<br /><br /> अंजन पाती, अंजन देव, अंजन ही करे, अंजन सेव, <br />अंजन नाचे, अंजन गावै, अंजन भेष अनंत दिखावै रे ॥3॥ <br /><br />अंजन कहीं कहां लग केता? दान-पुनि-तप-तीरथ जेथा ! <br />कहे कबीर कोई बिरला जागे, अंजन छाड़ि निरंजन लागे । ॥4॥ <br />~ कबीर साहब <br /><br />अंजन ब्रह्मा, शंकर, इन्द्र अंजन गोपी संग गोविंद ॥ <br />~ संत कबीर <br /><br />अंजन कहो कहाँ लग केता? दान-पुनि-तप-तीरथ जेथा। <br />~ संत कबीर <br /><br />संगीत: मिलिंद दाते <br />~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~