♂️ आचार्य प्रशांत से मिलना चाहते हैं? <br />लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: https://acharyaprashant.org/hi/enquir... <br /><br /> आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं? <br />फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?... <br /><br />~~~~~~~~~~~~~ <br /><br />वीडियो जानकारी: हार्दिक उल्लास शिविर, 19.10.2019, लखनऊ, उत्तर प्रदेश <br /><br />प्रसंग: <br />रजसि प्रलयं गत्वा कर्मसङ्गिषु जायते । <br />तथा प्रलीनस्तमसि मूढयोनिषु जायते ॥ <br /><br />भावार्थ : जब कोई मनुष्य रजोगुण की वृद्धि होने पर मृत्यु को प्राप्त होता है <br />तब वह सकाम कर्म करने वाले मनुष्यों में जन्म लेता है और उसी प्रकार <br />तमोगुण की वृद्धि होने पर मृत्यु को प्राप्त मनुष्य पशु-पक्षियों आदि <br />निम्न योनियों में जन्म लेता है। <br />~ भगवद्गीता, अध्याय – १४, श्लोक १५ <br /><br /><br />~ क्या मृत्यु माने केवल दैहिक मृत्यु? <br />~ जीवन के खेल को कैसे समझें? <br />~ मन की मृत्यु कैसे हो? <br />~ क्या निम्न यौनियों में हमारा पुनर्जन्म संभव है? <br />~ क्या पुण्य कमा कर स्वर्ग की प्राप्ति होती है? <br /><br />संगीत: मिलिंद दाते <br />~~~~~~~~~~~~~