♂️ आचार्य प्रशांत से समझे गीता और वेदांत का गहरा अर्थ, लाइव ऑनलाइन सत्रों से जुड़ें:<br />https://acharyaprashant.org/hi/enquir...<br /><br /> आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?<br />फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?...<br /><br />➖➖➖➖➖➖<br /><br />#acharyaprashant<br /><br />वीडियो जानकारी: 28.09.23, बोध प्रत्यूषा, ग्रेटर नॉएडा <br /><br />प्रसंग: <br />~ बेईमानी को सफल न होने देना क्यों ज़रूरी है?<br />~ माँ-बाप के लिए क्यों ज़रूरी है बच्चे की बेईमानी पकड़ना?<br />~ बेईमानी को न पकड़ना कैसे उसे प्रोत्साहित करना है?<br />~ पहली बेमानी को ही रोकना क्यों ज़रूरी है?<br />~ चेतना का स्वभाव क्या है?<br />~ समस्या किसके लिए है?<br /><br />ॐ उशन्ह वै वाजश्रवसः सर्ववेदसं ददौ। <br />तस्य ह नचिकेता नाम पुत्र आस ॥ <br />~ कठोपनिषद् - 1.1.1<br /><br />अनुवाद: यज्ञफल की इच्छा रखने वाले वाजश्रवा ऋषि के पुत्र वाजश्रवस (उद्दालक) ने (विश्वजित् यज्ञ में) अपने सम्पूर्ण धनादि पदार्थों का दान कर दिया। उनका नचिकेता नाम का एक पुत्र था।<br /><br />करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान। <br />रसरी आवत-जात ते सिल पर परत निशान ॥<br />~ कवि वृन्द जी<br /><br />मुझे पुकारती हुई पुकार खो गई कहीं।<br />~ गजानन माधव मुक्तिबोध <br /><br /><br />संगीत: मिलिंद दाते<br />~~~~~