वीडियो जानकारी: गीता समागम, 31/08/2023, ग्रेटर नॉएडा, उत्तर प्रदेश<br /><br />प्रसंग: <br />~ क्या है गीता का मूल सिद्धांत "युद्धयस्व"?<br />~ क्या माता-पिता को अनुभव ज्यादा होता है?<br />~ क्या पहली कमाई से दान दक्षिणा देना अनिवार्य है?<br />~ क्या गीता आज भी प्रासंगिक है?<br />~ कब और कितना विरोध करना ठीक है?<br />~ तर्क करना सही या गलत?<br /><br />~ बुल्ले नूं समझावण आइआं भैनां ने भरजाइआं।<br />- बाबा बुल्लेशाह<br /><br />~ कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। <br />मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि ॥ <br />भगवद् गीता - 2.47<br />कर्म पर ही तुम्हारा अधिकार है, कभी भी फल में नहीं है, माने कर्मफल में नहीं है। तुम कर्मफल की आशा से कर्म मत करो और अकर्मण्य हो जाने में भी तुम्हारी प्रवृत्ति न हो जाए। कर्म में अधिकार है, कर्मफल में नहीं।<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते<br />~~~~~~~~~~~~~