वीडियो जानकारी: 30.12.23, संत सरिता, ग्रेटर नॉएडा <br />विवरण:<br />इस वीडियो में आचार्य जी बच्चों की शिक्षा और उनके विकास पर चर्चा कर रहे हैं। वे यह बताते हैं कि बच्चों को सही मार्गदर्शन देने की जिम्मेदारी माता-पिता की होती है। अगर बच्चे भटकते हैं, तो इसका मतलब यह है कि उन्हें सही रास्ता नहीं दिखाया गया। आचार्य जी यह भी बताते हैं कि जीवन में सुरक्षा (सिक्योरिटी) की आवश्यकता होती है, लेकिन यह समझना जरूरी है कि किसकी सुरक्षा की जा रही है - संसाधनों की या स्वयं की।<br /><br />वे यह स्पष्ट करते हैं कि व्यक्ति की पहचान उसके संसाधनों से अलग होनी चाहिए। अगर संसाधन खो जाते हैं, तो व्यक्ति को कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए। आचार्य जी बच्चों को यह सिखाने पर जोर देते हैं कि वे अपनी पहचान को अपने कार्यों से न जोड़ें। इसके अलावा, वे यह भी बताते हैं कि बच्चों को सही आदर्शों से मिलवाना आवश्यक है, ताकि वे सही मार्ग पर चल सकें।<br /><br />प्रसंग: <br />~ सुरक्षा किसकी?<br />~ मेरी कार किसी वजह से चोरी भी हो गई, मैं नहीं चोरी हो गया, मैं तब भी secure(सुरक्षित) हूँ?<br />~ घर का माहौल कैसे बदलें?<br />~ संगति का महत्त्व कितना?<br />~ घर का माहौल बदलना इतना ज़रूरी क्यों?<br />~ बच्चों की परवरिश कैसे हो? <br />~ माता-पिता की क्या भूमिका है, बच्चों की परवरिश में?<br />~ माता पिता बच्चों की परवरिश कैसे करें?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते<br />~~~~~