Surprise Me!

क्या आपका भी मन बहुत भटकता है? || आचार्य प्रशांत, गीता दीपोत्सव (2024)

2025-02-20 0 Dailymotion

वीडियो जानकारी: 30.10.24, गीता दीपोत्सव, ग्रेटर नॉएडा<br /><br />क्या आपका भी मन बहुत भटकता है? || आचार्य प्रशांत, गीता दीपोत्सव (2024)<br /><br />📋Video Chapters: <br /><br />0:00 - Intro<br />1:00 - लाओ त्सु का प्रश्न <br />3:01 - मन का स्वामी कौन है?<br />6:27 - मन और अहंकार का संबंध<br />10:37 - अहंकार का अस्तित्व<br />14:55 - अहंकार का झूठ<br />18:36 - ऋषियों की करुणा<br />22:04 - अपने भीतर का झूठ <br />29:33 - मन और विषयों का समुदाय<br />35:15 - मन की भटकन<br />37:34 - विषयों से जुड़ने की आवश्यकता<br />40:35 - संतों की मुलाकात<br />44:21 - शब्दों की परिभाषा<br />47:40 - पोटा और आलू<br />51:05 - मन की स्थिति<br />53:52 - बोरियत और अध्यात्म<br />58:01 - बच्चों का खेल<br />1:02:22 - समापन<br /><br />विवरण: <br /><br />आचार्य जी ने self-realization, मन और ego के संबंध को समझाया। उन्होंने बताया कि आत्मज्ञान कर्म में प्रवृत्ति या renunciation से नहीं मिलता, बल्कि निष्काम कर्म से प्राप्त होता है। उनका कहना था कि मन हमेशा अहंकार के इर्द-गिर्द घूमता है और इसकी restlessness वास्तव में अहंकार की विकलता है।<br /><br />अहंकार एक झूठ है, जो अपने existence को बनाए रखने के लिए दूसरों पर निर्भर रहता है। जब तक ego बना रहता है, तब तक मन स्थिर नहीं हो सकता। आचार्य जी ने यह भी कहा कि हमें अपने जीवन में ऊँची बातें समझने के लिए questions पूछने चाहिए।<br /><br />उन्होंने यह प्रश्न उठाया कि क्या हम अपने मन को स्थिर रख सकते हैं और मन के distractions के पार देख सकते हैं। अंत में, उन्होंने बताया कि आध्यात्मिक progress का माप यह है कि कितने विषयों से जुड़ने की आवश्यकता महसूस होती है।<br /><br />🎧 सुनिए #आचार्यप्रशांत को Spotify पर:<br />https://open.spotify.com/show/3f0KFweIdHB0vfcoizFcET?si=c8f9a6ba31964a06

Buy Now on CodeCanyon