समस्तीपुर, बिहार: डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय हल्दी, चुकंदर और पालक का उपयोग करके हर्बल गुलाल तैयार कर रहा है। वे ग्रामीण महिलाओं को पर्यावरण के अनुकूल गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दे रहे हैं, जिससे उन्हें रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। इसी कड़ी में डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय की वैज्ञानिक संगीता देव ने कहा कि प्राकृतिक रंगों की मांग बढ़ गई है। लोग जानते हैं कि सिंथेटिक रंगों का उपयोग पर्यावरण और शरीर को नुकसान पहुंचाता है। सिंथेटिक रंग मिट्टी या पानी में मिलकर नुकसान पहुंचा सकते हैं जबकि प्राकृतिक रंग दोनों के लिए सुरक्षित हैं। इसलिए हम उन्हें प्रशिक्षित कर रहे हैं।<br /><br />#holi #holi2k25 #holifestival #colours #hindufestival #bihar #biharnews #samstipur #herbalcolours #syntheticcolours