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क्या भगवान भावनाओं से ही मिलते हैं? || आचार्य प्रशांत (2024)

2025-03-12 2 Dailymotion

वीडियो जानकारी: 24.09.2024, गीता समागम<br /><br />विवरण:<br />इस वीडियो में आचार्य जी ने भावना, विचार और बोध (समझ) के बीच के अंतर को स्पष्ट किया है। उन्होंने बताया कि लोग अक्सर भगवान से भावनाओं के माध्यम से जुड़ते हैं, लेकिन यह जुड़ाव हमारे शारीरिक और मानसिक संस्कारों से उत्पन्न होता है। आचार्य जी के अनुसार, भावना शरीर से जुड़ी सबसे आदिम और पाशविक अभिव्यक्ति है, जबकि सच्ची मुक्ति (मुक्ति) भावनाओं और शारीरिक बंधनों को समझने और उनसे ऊपर उठने से मिलती है। उन्होंने जानवरों, बच्चों और मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्तियों के उदाहरण देकर समझाया कि भावना चेतना का सबसे निचला स्तर है। सच्चा आध्यात्मिक उत्थान भावनाओं और विचारों से परे जाकर बोध के स्तर पर होता है<br /><br /><br />🎧 सुनिए #आचार्यप्रशांत को Spotify पर:<br />https://open.spotify.com/show/3f0KFweIdHB0vfcoizFcET?si=c8f9a6ba31964a06<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते<br />~~~~~

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