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सांस्कृतिक विरासत का उत्सव: "सदियों पुरानी परंपरा में महिलाओं ने पुरुषों पर बरसाई लाठियां"

2025-03-16 76 Dailymotion

प्रतापगढ़. धमोत्तर पंचायत समिति के दुधली टांडा गांव के श्री वीर तेजाजी महाराज मंदिर के वहा रविवार को ल_मार होली नगारों की थपथपाहट के साथ डीजे की धूम पर खेली गई। ल_मार होली का आयोजन जो कि लबाना बाहुल्य क्षेत्रों में सदियों से चलता आ रहा है। इस होली में महिलाओं द्वारा पुरूषों पर लाठियां बरसाई गई। पुरूष सहजता के साथ लाठियों की मार को सहन करते हुए बचाव किया। समाज के दशरथ लबाना ने बताया कि लठ्मार होली से पहले शाम ढलने से पूर्व विधि-विधान पूर्वक पूजा, अर्चना के साथ शुरू हुआ। जिसमें पुरूष व महिलाओं द्वारा ललेनो नृत्य नगांरों के थपथपाहाट से शुरू किया गया। उसके बाद में ल_मार होली खेली गई। नेजा लूटने के दौरान महिलाओं ने पुरूषों को घेर-घेर कर लाठियां बरसाई गई। जबकि पुरूष अपनी लाठियों के दम पर महिलाओं से लाठियों से बचने का जतन किया। यह होली लबाना बाहुल्य गांवों में लठ्मार होली के मदे्नजर आस-पास के कई गांवों के समाज यहां भागीदारी करने पहुंचे।<br />महिलाओं को सम्मान देने का पर्व<br />दुधली टांडा गांव के नायक मांगीलाल लबाना ने बताया कि गावं के बुजुर्गों के अनुसार पुरूष प्रधान समाज में महिलाओं के समानता का दर्जा बना रहे। इसके लिए बुजुर्गों ने इस प्रकार के कार्यक्रम रखे थे। पुराने समय में पुरूष-प्रधान समाज में जहां महिलाओं की हर जगह उपेक्षा की जाती थी। इससे महिलाओं में पुरूष समाज के प्रति उत्पत्र कुंठा के भाव को दूर करने के लिए लठ्मार होली का आयोजन किया। इसके माध्यम से महिलाओं की सालभर की कुंठाएं को होली के पावन पर्व में खत्म करने के उदे्श्य को लेकर भाभी, काकी, अन्य महिलाएं अपने देवर, नजदीकी रिश्तेदारी, अन्य लोगों को भी मारेगी। महिलाएं भी अपने प्रतिशोध होली के माध्यम से मन मे भेदभाव को मिटाया गया। इस दिन पुरूष खुशी-खुशी महिलाओं से मार खाकर उनकी सालभर की भरी कुंठाओं और गिले शिकवों को दुर किया। इस खेल को खेलने से पूर्व भगवान शिव व पार्वती के सुखमय जीवन के गीतों का गायन किया। इस दौरान हजारों की संख्या में आसपास के ग्रामीणजन देखने को पहुंचे।

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