Surprise Me!

बॉर्डर के सैकड़ों गांवों की प्यास बुझाने वाला कस्बा खुद प्यासा

2025-04-23 85,533 Dailymotion

गर्मी बढ़ने के साथ पेयजल आपूर्ति लड़खड़ाई <br />एक तरफ जहां विभाग नियमित जलापूर्ति की बात कर रहा है, वहीं दूसरी ओर कस्बे में हालात जस के तस है। राजस्थान पत्रिका ने पड़ताल कर जलापूर्ति को लेकर अधिकारियों को अवगत करवाया तो उन्होंने कहा था कि व्यवस्था सुधार होगा लेकिन चार दिन बाद भी पेयजल संकट खत्म नहीं हुआ है। सप्ताह अंतराल में नाममात्र समय के लिए जलापूर्ति करने से पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं हो रहा। ऐसे में लोग टैंकरों से जलापूर्ति कर जरूरत पूरी कर रहे हैं।<br />कस्बे के विभिन्न मोहल्लों में चार से पांच दिन के अंतरराल में जलापूर्ति की जा रही है। नाममात्र समय के लिए की जाने वाली जलापूर्ति पर पेयजल संकट की स्थिति हो गई है। इस पर लोग मोल महंगा पानी खरीदकर प्यास बुझाने को मजबूर है। परेशान ग्रामीण जलदाय विभाग कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अधिकारी इन्हें कोई संतोषप्रद जबाब नहीं दे रहे हैं।<br />सरकारी ट्यूबवेल खराब, कैसे पहुंचे घरों में पानी<br />पत्रिका पड़ताल के बाद भी विभागीय अधिकारियों का दावा है कि कस्बे में कोई समस्या नहीं है। नियमित सप्लाई कर रहे हैं। इधर, जमीनी हकीकत यह है कि कस्बे के अधिकांश सरकारी ट्यूबवेल खराब है जिस पर जलापूर्ति प्रभावित हो रही है। जानकारी के अनुसार 16 में से 4 ट्यूबवेल ही सही है। ऐसे में यह दावा करना की जलापूर्ति सुचारू है, गले से उतर नहीं रहा।<br />

Buy Now on CodeCanyon