यश की उम्र सिर्फ 9 साल है, लेकिन अचानक उसके चेहरे पर काले धब्बे उभरने लगे। धीरे-धीरे ये धब्बे गालों से होते हुए पूरे चेहरे और पेट तक फैल गए। घबराए माता-पिता ने उसे Allopathy डॉक्टरों को दिखाया। उन्होंने कुछ सिरप और दवाइयाँ दीं, लेकिन न तो धब्बों में कोई सुधार हुआ और उल्टा यश के पेट में संक्रमण हो गया, उसका पाचन तंत्र भी बिगड़ने लगा।<br /><br />तभी यश की माँ को उनके जेठ जी ने HiiMS अस्पताल के बारे में बताया। उनके जेठ पहले से ही यहाँ से गठिया का सफल इलाज करा चुके थे। इस भरोसे के साथ यश को HiiMS लाया गया।<br /><br />यहाँ इलाज की शुरुआत के बाद मात्र एक महीने में यश को पूरी तरह से काले धब्बों से राहत मिल गई। न कोई साइड इफेक्ट, न कोई बार-बार दवा। HiiMS अस्पताल की खासियत ही यही है कि यहाँ मरीज को सिर्फ ठीक नहीं किया जाता, बल्कि उसे खुद का डॉक्टर बनाया जाता है।<br /><br />HiiMS में हर दिन लाखों मरीजों को नई जिंदगी मिलती है — बिना निर्भरता के, बिना दवाओं के।