<p>गोवा के असोलना गांव में रविवार को वहां की समुद्री संस्कृति और धार्मिक परंपरा का रंगारंग त्योहार, सांगोद मनाया गया. इसी दिन मछुआरों के संरक्षक, संत पीटर और संत पॉल का भी पर्व था. ये त्योहार खास कर गोवा के तटीय इलाकों और नदियों के किनारे बसे गांवों में मनाया जाता है. ये मछुआरा समुदायों में विश्वास, कृतज्ञता और एकता का प्रतीक है. नावों को खूबसूरती से सजाया गया था। उनके उतराने का अंदाज कुछ ऐसा था, मानो संगीत की धुन पर नृत्य कर रहे हों. नावों और उनके चालकों के लिए खास आशीर्वाद समारोह भी आयोजित किया गया था. इस दौरान उनकी सुरक्षा और समृद्धि की कामना की गई. सांगोद गोवा की समुद्री विरासत और सांप्रदायिक सद्भाव का उत्सव है. ये स्थानीय लोगों और आगंतुकों को साझा आस्था और सांस्कृतिक गौरव का सम्मान करने का संदेश देता है. </p>