जयपुर। जब इरादे बुलंद हों, तो गांव की मिट्टी भी सुनहरे भविष्य की नींव बन जाती है!" इसी बात को साबित कर दिया है बूंदी जिले के छोटे से गांव धनवा की बेटी आरती बसवाल ने। खेती-किसानी पर निर्भर परिवार से ताल्लुक रखने वाली आरती ने NEET 2025 परीक्षा में ऑल इंडिया श्रेणीगत रैंक 239 हासिल की और अब वह अपने परिवार की पहली डॉक्टर बनने जा रही है।<br />आरती का परिवार आर्थिक रूप से सीमित है। पिता राजेश खटीक एक मेहनतकश किसान हैं, जिनकी आमदनी महज़ 7–8 बीघा जमीन से होती है। घर में न तो डॉक्टर बनने की परंपरा थी, न ही कोचिंग का खर्च उठाने की सामर्थ्य। बावजूद इसके आरती ने डॉक्टर बनने का सपना देखा और उसे पूरा भी किया।<br />