<p>त्रिची: भारत दुनिया का सबसे बड़ा केला उत्पादक देश है. यहां केले की 375 से ज्यादा किस्में उगाई जाती हैं. इनका सालाना उत्पादन तीन करोड़ 80 लाख टन है. इस कामयाबी में तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली के आईसीएआर-नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर केला का बड़ा योगदान है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत एनआरसीबी केले को वैश्विक कृषि-व्यवसाय में बदलने के मुहिम की अगुवाई कर रहा है. एनआरसीबी के निदेशक डॉ. सेल्वराजन इससे न सिर्फ केला उत्पादकों को, बल्कि केले पर निर्भर उद्यमियों की भी मदद की जाती है. केंद्र ने कम वसा वाले केले के चिप्स से लेकर प्रीबायोटिक और प्रोबायोटिक फायदों से भरपूर केले के आटे तक के उत्पादन के लिए 500 से ज्यादा उद्यमियों को प्रशिक्षित किया है. इससे ग्रामीण आजीविका और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिला है. केले के तने का रस किडनी स्टोन के उपचार में मददगार माना जाता है. मधुमेह के रोगियों के लिए पके हुए केला के पाउडर जैसे नवाचार हैं. ये केले के पारंपरिक इस्तेमाल से परे हैं. एनआरसीबी ने ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे फल पकने की प्रक्रिया लंबी होती है. ये किसानों के लिए काफी मददगार है. इससे केले को अमेरिका और यूरोप में निर्यात किया जा सकता है.</p>