जयपुर। इस्लामिक साल के पहले महीने में मनाया जाने वाला मोहर्रम (यौमे-ए-आशूरा) रविवार को मनाया जा रहा है। शहर के अलग-अलग इलाकों से 300 से अधिक ताजिए बड़ी चौपड़ के लिए रवाना हुए। ताजियों को शाम को कर्बला में सुपुर्द खाक किया जाएगा। जयपुर को देशभर में सोने चांदी के ताजियों लिए भी जाना जाता है। घाटगेट स्थित मोहल्ला महावतान बिरादरी का रियासतकालीन फीट ऊंचा सोने—चांदी का ताजिया शहर की विरासत का प्रतीक है। यह ताजिया वर्ष 1868 से निकलता आ रहा है। मुस्लिम समाज के बुजुर्गों को इसे तोहफे में दिया था, जो कि आज भी सुरक्षित है।<br /><br />