हिण्डौनसिटी. आमतौर पर वर्ष में विशेष रूप से एक दिन गुरुपूर्णिमा गुरुदेव की पूजा के लिए समर्पित होता है, लेकिन करौली जिले में संतों के शिष्य मंदिर बनवा कर गुरु की प्रतिमा की नियमित आरती पूजा कर रहे हैं।<br /><br />संत आश्रम के नाम से ख्यात इन गुरु मंदिरों में बाकायदा देवालयों की भांति आरती होती है और वंदन के लिए शिष्य समुदाय जुटता है। जिले में सर्वाधिक 3 मंदिर ब्रह्मलीन संत गोमतीदास महाराज के हैं। जहां प्रतिमा का नियमित पूजा शृंगार होता है।<br />