सवाईमाधोपुर. प्रशासन की ओर से कर्मचारियों के लिए आवास सुविधा के नाम पर शुरू की गई व्यवस्था अब बंदरबांट और भेदभाव का पर्याय बनती जा रही है। मानटाउन और ठींगला क्षेत्र में स्थित कई सरकारी आवासों को लेकर हालात चिंताजनक बनी है। हालात यह है कि कई कर्मचारियों ने तबादला होने के बाद भी मकान खाली नहीं किए है। ऐसे में कर्मचारियों के आवासों में खुद की जगह रिश्तेदारों, किराएदारों और यहां तक की मवेशियों को भी बांध रखा है, जबकि इससे वास्तविक हकदार कर्मचारियों को वर्षों से सरकारी मकान के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।<br />रिश्तेदारों को दे रखे है आवास<br />जानकारी के अनुसार जिला कलक्ट्रेट और अन्य विभागों के कई कर्मचारियों ने ट्रांसफर के बाद भी आवास खाली नहीं किए हैं। कुछ ने इन मकानों को रिश्तेदारों को दे रखा है, जबकि कुछ ने किराए पर देकर खुद लाभ उठा रखा है। सरकारी दस्तावेजों में अभी भी वे मकान उन्हीं के नाम आवंटित हैं, जिससे नए आवेदकों को बार-बार यह कहकर लौटा दिया जाता है कि कोई मकान खाली नहीं है। <br />जहां रहना था कर्मचारी, वहां बंधे हैं मवेशी<br />कुछ सरकारी आवास तो अब मवेशियों के बाड़े में तब्दील कर दिया है। वहां गोबर, गंदगी और बदबू फैली है। बरामदों में चारा, टूटी चारपाई और प्लास्टिक के ड्रम पड़े हैं। स्थानीय कर्मचारियों का कहना है कि रातभर मच्छरों और बदबू से जीना दूभर हो जाता है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है। <br />मरम्मत में भेदभाव, चहेते के मकानों में लगाई टाइलें<br />सार्वजनिक निर्माण विभाग ने मरम्मत कार्यों के नाम पर भी पक्षपता रवैया अपनाया है। कई कर्मचारी अपने मकानों की टूट-फूट, सीवरेज लीकेज और दरकती छतों की शिकायत वर्षों से कर रहे हैं,लेकिन उन्हें हर बार बजट नहीं आने का कहकर टाल दिया जाता है। वहीं जिन कर्मचारियों की विभाग या नेताओं से पहुंच है, उनके मकानों में नई टाइलें, रंग-रोगन और फॉल्स सीलिंग तक करवा दी है। यह सब बिना स्पष्ट स्वीकृति और नियमों के विरुद्ध हो रहा है। <br /><br />यह है कर्मचारियों की मांग...<br />-ट्रांसफर हो चुके कर्मचारियों से मकान तुरंत खाली करवाए जाएं।<br />-मवेशी, किरायेदार और रिश्तेदारों को गैरकानूनी कब्जे से हटाया जाए।<br />-आवास आवंटन व मरम्मत की प्रक्रिया पारदर्शी हो<br />-मरम्मत बजट के उपयोग का वार्षिक ऑडिट सार्वजनिक हो।<br />-पुलिसकर्मियों को उनके विभाग की पुलिस लाइन में ही मकान आवंटित किए जाएं।<br /> <br />इनका कहना है...<br />सरकारी आवासों की जांच के लिए हमने तहसीलदार व पीडब्ल्यूडी एक्सईएन की उपस्थिति में एक कमेटी बनाई है। तहसीलदार से रिपोर्ट आने के बाद हर सरकारी आवास की जांच की जाएगी। इसमें जो भी लोग आवास का गलत उपयोग में ले रहे है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। <br />संजय शर्मा, अतिरिक्त जिला कलक्टर, सवाईमाधोपुर <br /><br />