<p>कांग्रेस नेता हरिश रावत ने स्कूलों के सिलेबस में भगवद गीता और रामायण को शामिल किए जाने को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि गीता कर्मयोग की शिक्षा देती है, जो हमेशा प्रासंगिक है। लेकिन साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह काम सिर्फ एक धर्म विशेष को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जा रहा है, तो यह शिक्षा प्रणाली के लिए नुकसानदायक हो सकता है।</p>