खरगोन. निमाड़ की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को संजोए हुए चोली गांव में स्थित गौरी सोमनाथ मंदिर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा शिवलिंग है। मंडलेश्वर से करीब आठ किलोमीटर दूर स्थित यह मंदिर परमारकाल में तालाब के किनारे नागर शैली में निर्मित किया गया था। मंदिर में विराजमान शिवलिंग आठ फीट ऊंचा है, जो इसे विशेष बनाता है। प्रदेश में इससे बड़ा शिवलिंग केवल भोजपुर में है। राज्य पुरातत्व विभाग के संरक्षण में यह मंदिर न केवल धार्मिक रूप से, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। जिला पुरातत्व संग्रहालय अध्यक्ष डॉ. डीपी पांडे के अनुसार होल्कर काल में देवी अहिल्याबाई होल्कर ने मंदिर और तालाब का जीर्णोद्धार करवाया था। मंदिर के गर्भगृह में कृष्ण लीला और राम लीला से संबंधित आकर्षक चित्रांकन भी करवाया गया था।