Surprise Me!

दिल में जिंदा है करगिल का जाबांज हीरासिंह, सेना की वर्दी और चिट्ठियों में सिमटी हैं यादें

2025-07-26 40 Dailymotion

हिण्डौनसिटी. 26 वर्ष पहले करगिल की बर्फीली पहाड़ियों में दुश्मन से लड़ते हुए गांव मुकंदपुरा के सपूत हीरा सिंह देश के लिए बलिदान हो गए। ढाई दशक से अधिका अरसा बीत गया है, लेकिन सैनिक की शहादत की यादें सरहद से भेजी चिट्टियों और उसकी सेना की वर्दी में सिमटी हुई है। जिन्हे आए दिन संभाल कर करीने से रख वीरांगना उर्मिला जांबाज पति की यादों को सहेजे हुए है।

Buy Now on CodeCanyon