Chinook Helicopter बना Uttarkashi का 'देवदूत', तबाही के बीच कैसे बना Saviour? इस वीडियो में देखिए भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर की वो ताकत, जिसने प्रलय के बीच उम्मीद की किरण जगाई है। <br />उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने से धराली गांव में आई भयानक आपदा ने सब कुछ तबाह कर दिया। जब भूस्खलन के कारण सड़कें बह गईं और जमीन से संपर्क पूरी तरह टूट गया, तब आसमान से उम्मीद बनकर उतरा भारतीय वायुसेना (IAF) का CH-47F चिनूक हेलीकॉप्टर। यह रिपोर्ट दिखाती है कि कैसे यह 'दो सिरों वाला विशालकाय हेलीकॉप्टर' इस मुश्किल रेस्क्यू ऑपरेशन का सूत्रधार बन गया है। <br />उत्तरकाशी के मातली में एयर बेस बनाया गया है, जहाँ से चिनूक लगातार उड़ानें भर रहा है। यह न सिर्फ मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल रहा है, बल्कि SDRF, NDRF की टीमों, भारी इंजीनियरिंग उपकरणों और राहत सामग्री को उन जगहों तक पहुंचा रहा है, जहाँ पहुंचना किसी और के लिए नामुमकिन था। हम आपको चिनूक की उन खासियतों के बारे में बताएंगे, जो इसे दुनिया का सबसे ताकतवर ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर बनाती हैं—जैसे 10 टन से ज़्यादा वजन उठाने की क्षमता, 20,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरने की काबिलियत और मुश्किल मौसम में भी स्थिर रहने की तकनीक। <br />इस रिपोर्ट में यह भी जानें कि भारत ने अमेरिका से 15 चिनूक हेलीकॉप्टरों का सौदा क्यों और कितने में किया था। इन्हें विशेष रूप से लद्दाख, अरुणाचल और उत्तराखंड जैसे ऊंचे पहाड़ी इलाकों के लिए कैसे मॉडिफाई किया गया है। देखिए कैसे एक मशीन, आपदा की इस घड़ी में किसी 'देवदूत' से कम साबित नहीं हो रही है। <br />About the Story: <br />In this special report, Oneindia Hindi explores the critical role of the Indian Air Force's CH-47F Chinook helicopter in the ongoing rescue operations in Uttarkashi, Uttarakhand, following a devastating cloudburst in Dharali village. We detail the helicopter's immense power, specifications, and how it has become a lifeline, airlifting people, relief materials, and heavy equipment where roads have been completely washed away. Discover why the American-made Chinook is considered a 'Devdoot' (angel) in disaster relief missions for India. <br /> <br />#ChinookHelicopter #Uttarkashi #Dharali #IndianAirForce #OneindiaHindi<br /><br />~ED.110~HT.408~GR.124~