<p>पंजाब के वाघा-अटारी सीमा पर बीएसएफ के जवान हर वक्त मुस्तैद और सतर्क रहते हैं. बीएसएफ देश की पहली रक्षा पंक्ति है. लिहाजा वे किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए प्रशिक्षित होते हैं. वाघा-अटारी सीमा पर बीएसएफ के जवान आधुनिक हथियारों से लैस हैं. उन्हें निशानेबाजी और फौरन कार्रवाई करने जैसा कठोर प्रशिक्षण दिया जाता है. इनकी बदौलत वे बखूबी सीमा पार के खतरों को नेस्तनाबूद करते हैं. स्वतंत्रता दिवस से पहले, फिजां में देशभक्ति की भावना भरी होती है. जवान भी देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत रहते हैं. वे बताते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद, देशभक्ति की भावना पहले से कहीं ज्यादा प्रबल हो गई है. बीएसएफ अधिकारियों बताते हैं कि इस साल का स्वतंत्रता दिवस समारोह पहले से कहीं ज्यादा भव्य होगा. कुछ जवानों को अफसोस होता है कि वो आजादी का जश्न उन लोगों के साथ नहीं मना पाते, जिनकी रक्षा करते हैं. सीमा का निगहबानी का कर्तव्य आड़े आ जाता है. अटूट समर्पण के साथ बीएसएफ के जवान दिन-रात, हर मौसम में साहस और अनुशासन के साथ हमारी सीमाओं के एक-एक इंच की रक्षा करते हैं. इसी की बदौलत देशवासी चौबीसों घंटे चैन की जिंदगी जी पाते हैं.</p>