गुजरात के अहमदाबाद में एक मिल हुआ करती थी, कई दलित मज़दूर यहाँ रहते थे, फिर एक दिन अडानी के बाउन्सर आते हैं और बीमार लोगों तक को घरों से निकाल कर फेंकने लगते हैं। प्रसाद मिल अहमदाबाद की कहानी एक ऐसी दर्दनाक सच्चाई है, जो आज भी तमाम सवालों के घेरे में है। इस मिल की ज़मीन जो कभी मजदूरों की जिंदगी का हिस्सा थी, आज वो एक नई साज़िश का शिकार बन चुकी है। 1914 में स्थापित यह मिल, जो कभी ढाई हज़ार मज़दूरों का रोज़गार थी, अब एक महंगे इलाके के रूप में बदल चुकी है। साढ़े तीन अरब रुपये की क़ीमत वाली इस ज़मीन पर अब जिनके कदम पड़ रहे हैं, वे नामी कारोबारी हैं और उस साजिश की धुरी पर है अडानी परिवार का हाथ।<br /><br />Visit Us:- https://www.molitics.in/hindi-news/reports/top-news/prasad-mill-ahmedabad-allegations-of-collusion-between-adani-family-and-government-behind-demolition-of-houses-of-poor-people-8860
