लाल और सुनहरे लहंगे में सजी, आँखों में मिश्रित भावनाएँ। माँ उसके पास खड़ी है, आँचल आँसुओं से भीग चुका है, चेहरा नम और आँखें बंद, जैसे हर आशीर्वाद उसी आँचल में समेट रही हों। पिता थोड़े पीछे खड़े हैं, सफेद कुर्ते में, नज़रें ज़मीन पर टिकाए हुए, जैसे दिल भारी हो पर शब्द साथ न दे रहे हों। भाई एक ओर खड़ा है, चुपचाप, भावनाओं को भीतर समेटे, उसकी आँखों में एक अनकही चिंता और स्नेह।<br />