दीपकों की हल्की रोशनी से सजी हुई देहरी, लकड़ी का दरवाज़ा और रात का समय मानो कह रहा हो कि यह नया सफर साथ तय करेंगे।<br />दुल्हन अपने ससुराल की देहरी पर खड़ी है। सुर्ख लाल और सुनहरे लहंगे में सजी-धजी, सिर पर घुंघट लेकर मुस्कुराते हुए स्वागत का उत्तर दे रही है। उसकी आँखों में एक नई जिंदगी की चमक और थोड़ी सी झिझक भी दिखती है। उसके हाथों की मेहंदी और गहनों की झंकार में नये रिश्तों की खनखनाहट है।<br />
