सवाईमाधोपुर. जिले में जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन की ओर से रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। जलभराव प्रभावित क्षेत्रों में रविवार को ५१ लोगों को रेस्क्यू किया। तेज बारिश का दौर थमने के बाद भी जिले में हालात सामान्य नहीं है। जिला प्रशासन ने अब सेना को भी मुयालय पर बुला लिया है। रविवार को सेना के जवान जलभराव क्षेत्रों में प्रशासन के साथ मुस्तैद रहे।<br /><br />एसडीएम के नेतृत्व में जुटी रही एनडीआरएफ टीम<br /><br />जड़ावता गांव में जलभराव प्रभावित क्षेत्रों के कारण रविवार सुबह उपखंड अधिकारी दामोदरसिंह मौके पर पहुंचे। यहां एसडीएम के नेतृत्व में एनडीआरएफ की टीम राहत कार्यों में जुटी रही।<br /><br />इसी प्रकार कानसीर मखौली गांव में आजाद फार्म हाउस पर करीब आठ से दस लोग पानी के तेज बहाव के कारण फंसे होने की सूचना थी। यहां सिविल डिफेंस के सुमित सिंह के नेतृत्व में जलभराव क्षेत्रों में फंसे लोगों को रेस्क्यू किया गया।<br /><br />कांटड़ा ढाणी बनी टापू<br /><br />मलारना डूंगर. बनास नदी में उफान से एक बार फिर बिलोली नदी की कांटड़ा ढाणी टापू बन गई। दर्जनों परिवार पानी से घिर गए। सूचना पर तहसीलदार रामजीलाल मीना पटवारी, गिरदावर तथा एसडीआरएफ की टीम के साथ मौके पर पहुंचे। तहसीलदार ने एसडीआरएफ टीम के साथ तीन फीट गहरे पानी में पैदल चल कर लोगों को बाहर निकाल वोट तक पहुंचाया। इस दौरान महिला-पुरुष तथा बच्चों सहित 19 लोगों को रेस्क्यू किया गया। इंसानों के अलावा तीन बकरी तथा एक कुत्ते को भी रेस्क्यू किया गया। एसडीआरएफ टीम के सदस्य चेतराम व बलराम के साथ गिरदावर रूप सिंह मीणा, पटवारी प्रेमराज गुर्जर भी टापू पर पहुंचे। जहां टापू पर फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।<br /><br />पानी में कूदे दो युवक बहे, पहले उन्हें बचाया<br /><br />यहां कांटड़ा ढाणी में पानी में फंसे लोगों को प्रशासन रेस्क्यू करने पहुंचा। इस दौरान दो युवक पानी में कूद गए। इस दौरान दोनों युवक तेज बहाव में बह गए। जो करीब एक किलोमीटर दूर जाकर बबूलों तथा खेत की तारबंदी में फंस गए। ऐसे में एसडीआरएफ टीम के सदस्यों ने सबसे पहले दोनों युवकों का रेस्क्यू किया। पानी से बाहर आते ही पुलिस ने बबलू कुहार तथा पप्पू कुहार को शांतिभंग करने के आरोप में गिरतार कर लिया।