<p>राजस्थान के कोटा में मनोकामना सिद्ध गणेश मंदिर में गणेश चतुर्थी की भव्य तैयारियां चल रही है. गणेश चतुर्थी के दिन मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. माना जाता है कि ये मंदिर सदियों पुराना है. कुछ लोग तो ये भी कहते हैं कि इसकी स्थापना कोटा से भी पहले हुई थी. देशभर से श्रद्धालु यहां अपनी मनोकामना लेकर आते हैं। जिस तरह वो अपनी मनोकामनाएं भगवान गणेश के सामने रखते हैं वो तरीका अपने आप में काफी अनूठा है.</p><p>पहले भक्त मंदिर में आकर पत्र छोड़ते थे या कागज की चिट्ठियों पर अपनी मनोकामनाएं लिखकर भगवान के सामने रख देते थे. हालांकि, जैसे-जैसे समय के साथ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी, मंदिर ने एक रजिस्टर प्रक्रिया शुरू किया ताकि मनोकामनाएं दर्ज रहें और कागजों के खोने की संभावना खत्म हो जाए. </p><p>मंदिर की एक और खासियत ये है कि यहां भगवान गणेश की मूर्ति को दाईं ओर सूंड के साथ दिखाया गया है. मंदिर के पुजारी बताते हैं कि ऐसा बहुत कम गणेश मंदिरों में देखने को मिलता है. श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां मांगी गई मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं. बहुत से लोग यहां शादी-विवाह, नौकरी, संपत्ति विवाद जैसे व्यक्तिगत मुद्दों को लेकर आते हैं. मान्यता है कि अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए श्रद्धालुओं को लगातार पांच बुधवार मंदिर में दर्शन करने चाहिए ताकि उनकी मन्नत पूरी हो सके. इस साल 10 दिन चलने वाला भगवान गणेश का जन्मोत्सव 27 अगस्त से शुरू होगा.</p>