<p>भारतीय वायु सेना के मिग-21 लड़ाकू विमान छह दशकों से भी ज्यादा समय से लड़ाकू बेड़े की रीढ़ रहे हैं. 26 सितंबर को चंडीगढ़ में होने वाले औपचारिक सेवानिवृत्ति समारोह से एक महीने पहले, बीकानेर के नाल वायु सेना स्टेशन से मिग 21 ने अपनी अंतिम परिचालन उड़ान भरी. प्रतीकात्मक विदाई के भाग के रूप में, एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने 18 और 19 अगस्त को मिग-21 की एकल उड़ानें भरीं थीं, जो बल और 62 वर्षों तक सेवा देने वाले रूसी मूल के इस जेट पर प्रशिक्षित पायलटों की पीढ़ियों के लिए एक भावुक क्षण था. मिग-21 को उड़ाने वाले एयर फोर्स के जवान इसे बहुत याद करेंगे। इस मौके पर एयर चीफ मार्शल ने वायुसेना के आधुनिक प्लेटफार्मों पर बदलाव पर भी जोर दिया, जो भारत की वायु रक्षा को और मजबूत करेगा. भारतीय वायु सेना वर्तमान में मिग-21 के दो स्क्वाड्रन संचालित करती है, जिन्हें अगले महीने चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा. इस जेट को वायु सेना में पहली बार 1963 में चंडीगढ़ में शामिल किया गया था। आधिकारिक विदाई समारोह भारत की वायु शक्ति के एक ऐतिहासिक अध्याय का अंत होगा.</p>